१३१ ॥ श्री कूरा शाह जी ॥
पद:-
शंकर समान को है रघुबर का भक्त पूरा।
बजरंग भी वही है दूजा है कौन सूरा।
जिनकी कृपा से हमहूँ नाघे गगन के घूरा।
जियतै में तन फल पाया कहता है शाह कूरा।४।
शेर:-
खुलि जांय आंखी कान सतगुरु करि गहौ गर नाम को।
कच भी न टेढ़ा कर सकै कूरा कहै कोइ चाम को॥