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आभार

परंपूज्य गुरुदेव श्री परमहंस राममंगलदासजी के शिष्य अति आदरणीय श्री म. रामसेवकजी के प्रति हृदय से कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ जिन्होंने श्री गुरुदेव महाराजजी की अनन्य सेवा की है तथा अब सारे गोकुल भवन आश्रम का श्री महाराजजी के उपदेशानुसार संचालन कर रहे हैं। उन्होंने अत्यन्त कृपा कर श्री गुरुदेव के समस्त दिव्य ग्रन्थों तथा कथाओं को फोटोकॉपी करने तथा प्रकाशित करने की अनुमति प्रदान की है। 

आदरणीय स्वर्गीय जगत नारायन जी का मैं आजीवन ऋणी हूँ जिन्होंने असीम स्नेह से सदा श्री महाराजजी के ग्रन्थों के प्रकाशन के लिये प्रेरणा दी व उत्साह वर्धन किया। 

पूज्य गुरुदेव के गोकुल भवन आश्रम के समस्त गुरुभाइयों विशेषतः श्री प्रेमानन्दजी, श्री रामायणीजी, श्री परशुरामजी व श्री अवस्थीजी के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ जिनकी सद्भावना व सहयोग से ही इस पुनीत कार्य की प्रगति हो रही है। 

योगी श्री महेश चन्द्र द्विवेदी जी के सतत् मार्गदर्शन के लिये उनके प्रति मैं हृदय से कृतज्ञ हूँ। 
गुरुदेव श्री महाराजजी के समस्त भक्तों का मैं अत्यन्त कृतज्ञ हूँ जिन्होंने पूज्य गुरुदेव से संबन्धित इतनी सारी अमूल्य जानकारी, उनके उपदेश, चित्र, पत्र तथा अपने अनुभव उपलब्ध कराये, जिन्हें इस वेबसाईट में संग्रहीत किया गया है। 

श्री टी. सदागोपन जी के लिये परं आभार मानता हूँ जो यद्यपि दक्षिण भारतीय हैं पर उन्होंने अत्यन्त श्रद्धापूर्वक और तन मन से इन ग्रन्थों को हिन्दी में कम्प्यूटर में टाईप किया तथा उनकी रूपरेखा तैयार की। श्री सदागोपन जी के परिवार से इस कार्य के लिये जो सहयोग प्राप्त हुआ उसके लिये उनको सादर धन्यवाद देता हूँ। 

श्री सत्य प्रकाश त्रिपाठी तथा श्री राजीव कुमार भाटिया के हिन्दी टाईपिंग में सहयोग के लिये आभार व्यक्त करता हूँ। 

यह सम्पूर्ण वेबसाईट निर्माण कार्य डा० टी.वी. प्रभाकर व उनकी धर्मपत्नी डा० टी. अर्चना के मार्गदर्शन में हो रहा है। उन्होंने विशेष कृपा कर इस कार्य भार को स्वयं ही स्वीकार किया तथा अपना बहुमूल्य समय देकर कार्यान्वित किया। उनके प्रति अपनी कृतज्ञता मैं शब्दों में व्यक्त करने में असमर्थ हूँ। 

यह वेबसाईट आई.आई.टी. कानपुर, भारत, में निर्मित की गई है। इस कार्य के लिये तकनीकी सहयोग इन्फोर्मेशन टेक्नोलौजी मंत्रालय, भारत सरकार, के द्वारा अपने ''भारतीय भाषाओं के लिये प्रौद्योगिकी विकास'' कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदान (स्पौन्सर) किया गया है। इस अपरिमेय सहयोग के लिये हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करता हूँ। 

गुरुदेव श्री परमहंस राममंगलदासजी की इस वेबसाईट का निर्माण व आकृति सज्जा श्रीमती रजनी मूना तथा मानिक सिक्का ने अत्यन्त श्रद्धा व तन्मयता से की है जिसके लिये मैं उनका ऋणी हूँ।

श्री गुरुदेव का परंतुच्छ दास 
राजीव लोचन 
(राजीव कुमार वर्मा)