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१९३ ॥ श्री एक नाथ जी का कीर्तन ॥


पद:-

राम सीता कहौ कृष्ण राधे कहौ विष्णु लक्ष्मी कहौ

क्या मिला दांव रे।१।

शम्भु गिरिजा कहौ ब्रह्मा शारद कहौ गणपति सरस्वति कहौ

क्या मिला दांव रे।२।

काली दुर्गा कहौ ज्वाला चण्डी कहौ गंगा यमुना कहौ

क्या मिला दांव रे।३।

सरयू गोमा कहौ हनुमत भैरव कहौ सुर मुनि शक्तिन कहौ

क्या मिला दांव रे।४।