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२६ ॥ श्री मिरज़ा जी ॥


शेर :-

तन मन से जो होवै फ़िदा। सो क़ौल से होवै अदा।१।

बातों से नहिं मिलता ख्वदा। है सब में औ सब से जुदा।२।

मिरजा कहैं सुमिरै सदा। तेहि जानिये पूरा गदा।३।