२०७ ॥ श्री हुलास दास जी ॥
दोहा:-
होय हुलास हुलास कह सतगुरु से बिधि जान।
नाम कि धुनि परकास लै रूप से हो पहिचान॥
सबै पदारथ पास हैं भटकत घूमत जीव।
कह हुलास सतगुरु शरनि जीव से होवै सीव॥
दोहा:-
होय हुलास हुलास कह सतगुरु से बिधि जान।
नाम कि धुनि परकास लै रूप से हो पहिचान॥
सबै पदारथ पास हैं भटकत घूमत जीव।
कह हुलास सतगुरु शरनि जीव से होवै सीव॥