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२०६ ॥ श्री मलिक मुहम्मद जी ॥


चौपाई:-

मलिक मुहम्मद नाम हमारा। जायस में भा जन्म हमारा।

मुसलमान के गृह में जानो। बचन हमार सत्य सब मानो।

संतन की संगति हम कीन्हा। राम भजन में तन मन दीन्हा।

सतगुरु बिन कोइ भेद न पावै। पढ़ि सुनि के धीरज नहि आवै।४।