१ ॥ श्री अंधे शाह जी ॥(२५)
पद:-
अव्वल नम्बर असली नाम। सतगुरु करि सुमिरो बसु जाम।
ध्यान समाधि प्रकास तमाम। सन्मुख षट झाँकी रहै आम।
सुर मुनि संग बिराजैं बाम। जै जै कहैं भयो गुण ग्राम।
अंधे कहैं चेति लो धाम। समय स्वाँस अन्मोल है चाम।४।
पद:-
अव्वल नम्बर असली नाम। सतगुरु करि सुमिरो बसु जाम।
ध्यान समाधि प्रकास तमाम। सन्मुख षट झाँकी रहै आम।
सुर मुनि संग बिराजैं बाम। जै जै कहैं भयो गुण ग्राम।
अंधे कहैं चेति लो धाम। समय स्वाँस अन्मोल है चाम।४।