१ ॥ श्री अंधे शाह जी ॥(१८)
पद:-
भजन करि देखा करौ सिय राम।
सतगुरु करि सब भेद जान लो सुमिरौ आठौ याम।
ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि कर्म दोऊ हों खाम।
अंधे कहैं अंत साकेत में जाय करो विश्राम।४।
पद:-
भजन करि देखा करौ सिय राम।
सतगुरु करि सब भेद जान लो सुमिरौ आठौ याम।
ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि कर्म दोऊ हों खाम।
अंधे कहैं अंत साकेत में जाय करो विश्राम।४।