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४०३ ॥ श्री रोशन शाह जी ॥


पद:-

भजि लेहु नाम हो सुफ़ल चाम लो नित्य धाम जहं सुख भारी।

यह गुरु क काम कीजै प्रणाम न दाम हो बलिहारी।

लै ध्यान काम परकाश आम धुनि ठाम ठाम होवै जारी।

सब गुनि के ग्राम सन्मुख में श्याम संघ सुभग बाम जग हितकारी।