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३८७ ॥ श्री ख्याल शाह जी ॥


पद:-

मार्ग सतगुरु ने बतलाया, वो हम जाना वो हरि जाना।

ध्यान धुनि नूर लै पाया, वो हम जाना वो हरि जाना।

मातु पितु जियति अपनाया, वो हम जाना वो हरि जाना।

देव मुनि संघ बतलाया, वो हम जाना वह हरि जाना।

सुना हरि यश अमी पाया, वो हम जाना वह हरि जाना।

छोड़ि तन निज वतन धाया, वो हम जाना वह हरि जाना।६।