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३४१ ॥ श्री अड़बड़ शाह जी ॥ (२)

॥ सम्बत १९९३ में यह पद लिखा गया ॥


पद:-

राम नाम परताप से गाँधी मोहन दास बिजय पाया।

भारत देश में स्वराज्य का क्या सुघर पताका गड़वाया।

सात द्वीप नौ खण्ड भुवन चौदह में क्या यश फहराया।

स्वामी रामानन्द कि बानी सुफ़ल भई जो बतलाया।

समय पलटि है सतरह वर्ष के बाद बिष्णु पुर सुनि आया।५।

गौवन के अब प्राण बचैंगे घऱ घर आनन्द रहै छाया।

दृढ़ विश्वास है राम नाम पर तन मन तीनि जन्म ताया।

प्रथम जन्म प्रहलाद नाम भा दूसर कबीर जी कहलाया।

तीसर मोहन दास नाम भा वैश्य बंश में है जाया।

अड़ बड़ शाह कहैं तुमको संक्षेप में हमने समुझाया।१०।