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२५३ ॥ श्री दुख हरन दास जी ॥

जयति जयति रामो संग सीता आदि शक्ती।

जयति जयति कृष्णो बाम दिशि राधिका जी।

जयति जयति बिष्णु लक्षिमी बाम अंगे।

जयति जयति शम्भू संग गिरिजा भवानी।

जयति जयति ब्रह्मा शारदा संग बिराजैं।५।

जयति जयति गणपति सरस्वती संग देवी।

जयति जयति सुरपति संग रमणी शची हैं।

जयति जयति भरथै संग में माण्डवी जी।

जयति जयति लखनै उर्मिला संग राजैं।

जयति जयति रिपुहन संग श्रुति कीर्ति सोहैं।१०।

जयति जयति श्री ध्वज संग सोहैं सुनयना।

जयति जयति नल जी संग प्यारी दमन्ती।

जयति जयति अत्री अनसुइया संग भार्या।

जयति जयति कर्दम देव हुती संग सुशोभित।

जयति जयति कपिलो सिद्धन में शिरोमणि।१५।

जयति जयति नारद राम यश गान करता।

जयति जयति श्री शुक परम हंस तत्व ज्ञाता।

जयति जयति सनकादिक ज्ञान सागर।

जयति जयति नव योगेश्वर तत्व ज्ञानी।

जयति जयति काली काल को काल करनी।२०।

जयति जयति दुर्गा दुःख दरिद्र हरनी।

जयति जयति ज्वाला लाल चोला अमोला।

जयति जयति षटमुख असुर तारक हनन्ता।

जयति जयति हनुमत राम सीता के प्यारे।

जयति जयति भैरव बीर भद्रो समेता।२५।

जयति जयति कश्यप आदिती बाम भागे।

जयति जयति मनुजी संग सतरूपा रानी।

जयति जयति दशरथ संग में कौशिला जी।

जयति जयति सूर्य्य जक्त तम नाश करता।

जयति जयति चन्द्रै जक्त देते सुधा नित।३०।

जयति जयति लोमश सर्वदा निज स्वरूपं।

जयति जयति कागा बाल हरि रूप संगी।

जयति जयति गरुड़ै बिष्णु श्री कृष्ण बाहन।

जयति जयति शेषै धरणि शिर भार धारी।

जयति जयति पृथ्वी सर्ब दुख सुख सहन्ती।३५।

जयति जयति वरुणौ सर्व जीवन के जीवन।

जयति जयति वायू आप सब में रमे हौ।

जयति जयति पावक सब के भीतर औ बाहर।

जयति जयति गगनै आप हो शामियाना

जयति जयति धन पति देवतन के खजानची।४०।

जयति जयति तारा गण आप सब की चमक क्या।

जयति जयति भीषम अस्त्र हरि कर गहायो।

जयति जयति बसुदेव संग में देवकी जी।

जयति जयति नन्दै संग सोहैं यशोमति।

जयति जयति जयति सेबरी भक्ति तब है बखानी।४५।

जयति जयति द्रुपदी कृष्ण तब चीर बनिगे।

जयति जयति गज गीध हरि धाम बासी।

जारी........