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२३६ ॥ श्री रोजे शाह जी ॥


पद:-

जे लागिहैं ते जागिहैं। जे भागिहैं ते खाँगिहैं॥

जे मांगिहैं ते पागिहैं। जे हांगिहैं ते नागि हैं॥

जे सांगि हैं ते बागि हैं। जे रागि हैं ते दागि हैं।

जे टाँगि हैं ते त्यागि हैं। जे नागि है ते आगि हैं।