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१९७ ॥ श्री गल्ला शाह जी ॥


पद:-

सुनिये नाम कि धुनि का हल्ला।

मुरशिद कर सुमिरन बिधि जानो खुलि जावै तब पल्ला।

ध्यान प्रकाश समाधी होवै सन्मुख निरखौ अल्ला।

पैगम्बर सब दर्शन देवैं तब हो ठीक मुसल्ला।

कौसर पिओ सुनो घट अनहद चेत करो कहैं गल्ला।

अन्त त्यागि तन जाव वतन को छूटै जगत से तल्ला।

शेर: गल्ला कहैं नेकी बदी बस संग में जावै तेरे।

तज कर बदी नेकी को कर यह सच सखुन गहि ले मेरे॥