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८ ॥ श्री संतोख दास जी ॥


पद:-

कोइ बुरा कहै चहै भला कहै सुन कर उस पर तुम ध्यान न दो।

सिर कट जावै कट जाने दो पर तुम अपना ईमान न दो।

सतगुरु करि तन मन बस कर लो बे राह में उसको जान न दो।

सुर मुनि के कुल में जन्म मिला गुनि निज कुल की कुल कान न दो।

ज्वर तन पर हमला आन करे सहलो उसको जल पान न दो।

पढ़ि सुनि बे जाने तत्व ज्ञान की बात किसी से ठान न दो।६।