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९०० ॥ श्री जदु नाथ जी ॥


पद:-

जिसने सतगुरु से नाम जपन बिधी जान लिया।१।

उसने निज परदा हटा राम सिया देख लिया।२।

ध्यान धुनि नूर समाधी में सुधि को खोंय दिया।३।

कहते यदुनाथ अन्त हरिपुर जाय बास लिया।४।