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६३१ ॥ श्री कुरबान शाह जी ॥

जारी........

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी छबि लखि लेऊ जी।

राम के बांये लखन के दहिने राजत जनक की लड़की जी।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी लखि भव तड़की जी।

राम के बांये लखन के दहिने पुत्री लखौ सुनैना जी।५५।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी के उर अयना की।

राम के बांये लखन के दहिने अद्भुत भूमि सुता बैठीं।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी सब उर हैं पैठीं।

राम के बांये लखन के दहिने कौशिल्या की बैठि बहू।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी नित प्रति लखत रहूँ।६०।

राम के बांये लखन के दहिने बैठीं पतोहू दशरथ की।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी लखि सब समरथ की।

राम के बांये लखन के दहिने बैठीं लव कुश की मैया।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी लखि लखि सुख पैया।

राम के बांये लखन के दहिने बैठीं जनक केर मिश्री।६५।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी लखि सुधि बुधि बिसरी।

राम के बांये लखन के दहिने झाँकी श्री जनक धेय की।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी उघरैं लखि हिये की।

राम के बांये लखन के दहिने भरथ शत्रुहन की भाभी।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी सब के हित फाभी।७०।

राम के बांये लखन के दहिने झाँकी श्री भूमिजा की।

ध्यान सकल कल्याण का दाता तुलसी चरन चूमि छाकी।

राम के बांये लखन के दहिने झाँकी श्री महिजा जी की।

ध्यान सकल कल्याण क दाता तुलसी लखु सहजा जी की।७४।