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७२७ ॥ श्री फिरकी शाह जी ॥


पद:-

सतगुरु ने यह मार्ग बतायो तब पायों यह ज्ञाना।

नाम रूप परकाश दशा लय सब ध्यानै ते जाना।

जा को जामे भाव ठीक हो वाही ते कल्याना।

फिरकी शाह कहैं फिरि वाको गर्भ न होवै आना।