४७५ ॥ श्री छोटी माई जी ॥
पद:-
कीजै राम नाम जल भोजन।
सतगुरु करि जप भेद जानि ले पाय सकै यह सो जन।
पासै में सब वस्तु धरी है कहां जात हौ खोजन।
पांच समय की पढ़त नमाजै रहते तीसौ रोजन।
व्रत त्योहार दोऊ दीनन के साथ न दें एक पोयन।
यह तो सब बैकुण्ठ के साथी इन से कौन प्रयोजन।६।