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२३५ ॥ श्री सम क्वारा माई कुम्हारिन जी ॥


पद:-

चेतो बहिनो भजो सियवर को।

जग पितु मातु देव मुनि कहते जिनसे और सुघर को।

सब को असन वसन हैं देते तिनसे क्यों तुम फरको।

कब तक जग में रहौ बताओ त्यागि के अपने घर को।

चारि दिना की यह जिंदगानी त्यागों झूठे जर को।

सम क्वारा कहैं मान वचन मम करि सतगुरु चट सरको।६।