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५६ ॥ श्री विलास जी ॥


पद:-

शिव बजरंग उबारि हमै दो।१।

मन दिवान चोरन संग लागो ता को पकड़ि सुधारि हमै दो।२।

राम नाम के बांटन हारे एक निगाह निहारि हमै दो।३।

कहत विलास सुनो दोउ स्वामी सतगुरु हेरि पुकारि हमै दो।४