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४६८ ॥ श्री चुटकी देवी जी ॥


दोहा:-

राम नाम को जानि ले ताको बेड़ा पार।

हर दम निरखै राम सिय शोभा अमित अपार।१।

ध्यान समाधि प्रकाश हो द्वैत जाय सब खोय।

चुटकी कहैं सुनाय सुत, मुद मंगल तब होय।२।