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४१३ ॥ श्री मान सिंह जी ॥


चौपाई:-

शिव से प्रेम कीन्ह फल पावा। अन्त समय कैलाश सिधावा।१।

मान सिंह कहैं मंगल दाता। हर दम दर्शन दें पितु माता।२।