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२२५ ॥ श्री आसफुद्दौला जी ॥


शेर:-

रहम करिये गरीबों पर अगर पैसा खुदा देवै।

चलोगे छोड़ दुनिया जब तुम्हैं फिर भिश्त ही होवै।१।

गरीबों को खाना खिला कपड़े दीजै।

खुशि होंगे अल्ला यही काम कीजै।२।

पड़े अन्धे लूले जो लँगड़े व बहिरे।

अपाहिज व कोढ़ी दुखी जो साकहिरे।३।

इनकी मदद करने से हो भलाई।

कहैं आसफुद्दौला सच मैं बताई।४।