साईट में खोजें

१५० ॥ श्री अमजद जी ॥


शेर:-

सुमिरन करै जो रब का वह ठीक प्यारा सब का।

नाहीं तो कौन किसका दोज़ख में जाय पटका।१।

दुनियां में जौन भटका सो आय गर्भ लटका।

लखता जो रूप नट का अमजद कहैं सो सटका।२।