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६ ॥ श्री मन्सूर जी ॥


शेर:-

मरैगा सदा जो खुदा से जुदा, उसी में पगा सो खुदा का सदा।१।

लिया लव लगा सो हुआ क्या गदा, सूली दे लगा तब भी बोलै खुदा।२।

हटै तब दगा मोह माया मदा, मुरशिद दे जगा तब तो छूटै वदा।३।

कातो झीना तगा रूप सन्मुख सदा, पता लो लगा बन के बैठो खुदा।४।