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४ ॥ श्री हसन जी ॥


शेर:-

हर वक्त का जो जिक्र करना यह बड़ा ही काम हैं।१।

मुरशिद बिना मिलता नहीं ऊँचा यह रव का नाम है।२।

जिसको मिला वह खिल गया फिर कहने का क्या काम है।३।

देखता सूरत है सन्मुख सुन रहा धुनि नाम है।४।