साईट में खोजें

११५ ॥ श्री लक्ष्मी चन्द जी ॥


दोहा:-

रेफ नाम है ईश का सो है अगम अनन्त ।

सतगुरु किरपा करहिं जब तब पावै कोइ सन्त ॥१॥

कहन सुनन से ना मिलै साधन से मिलि जाय ।

सत्य वचन मैं कहत हौं कीजै यही उपाय ॥२॥