३१२ ॥ श्री मुजफ्फर हुसेन भिश्ती ॥
पद:-
जय मुरलीधर जय चक्रधर जय गिरवर धर श्री कृष्ण जी।
जय मदन मोहन जय सुरभि दोहन जय मन के मोहन श्री कृष्ण जी।
जय दीन बन्धु जय कृपा सिन्धु जय करुणासिन्धु श्री कृष्ण जी।
जय कमल नयन जय मधुर बयन जय सबके अयन श्री कृष्ण जी।
जय चीर चोर जय दही चोर जय मही चोर श्री कृष्ण जी।५।
जय दया नाथ जय प्रिया नाथ जय दीनानाथ श्री कृष्ण जी।
जय निराकार जय सर्वाधार जय सब से न्यार श्री कृष्ण जी।
जय सगुण रूप जय तेज रूप जय सबके भूप श्री कृष्ण जी।
जय धुनी ध्यान जय लय में समान जय साजगान श्री कृष्ण जी।
जय अगम आप जय अकथ आप जय अकह आप श्री कृष्ण जी।१०।
जय अटल आप जय अघट आप जय अजर आप श्री कृष्ण जी।
जय अमर आप जय जवर आप जय सवर आप श्री कृष्ण जी।
जय लीलाधारी जय बृज बिहारी जय अजर बिहारी श्री कृष्ण जी।
जय नृसिंह रूप जय वाराह रूप जय बावन रूप श्री कृष्ण जी।
जय कमठ रूप जय मीन रूप जय बौध्द रूप श्री कृष्ण जी।१५।
जय वसुदेव लाल जय नन्द लाल जय त्रिभुवन भुवाल श्री कृष्ण जी।
जय देवकीलाल जय यशुदालाल जय अति विशाल श्री कृष्ण जी।
जय विराट रूप जय विष्णु रूप जय राम रूप श्री कृष्ण जी।
जय रामानन्द रूप जय गौर रूप जय ज्ञानेश्वर रूप श्री कृष्ण जी।
जय प्रणतपाल जय जगत पाल जय सब से आल श्री कृष्ण जी।२०।