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२९६ ॥ श्री ख्याल शाह जी ॥

(अपढ़)

 

पद:-

जिसका सियाराम पै ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

जिसका प्रिय श्याम पै ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

कमला बिष्णु पै जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

उमा शम्भु पै जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।४।

 

बजरंग पै जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

गणपति पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

दुर्गा पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

काली पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।८।

 

भैरौं पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

षटमुख पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

सारद पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

सरसुती पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।१२।

 

सुरमुनि पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

सब सक्तिन पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

चन्द्र सूर्य पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।

सब श्रृष्टी पर जिसका ख्याल रहै, वह भक्तौ माला माल रहै।१६।

 

दोहा:-

षट्रूपन का अंश सब, अमल करै ले जान।

ख्याल साह कहैं नैन श्रुति, खुलि जावैं हो ज्ञान॥