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२८९ ॥ श्री ठाकुर झामसिंह जी ॥

(कछबाहन की बीहट के समीप, सीतापुर, कांग्रेसी)

 

पद:-

राम नाम जप तप फरियाता, निज को समझै घूर।

हरदम धुनी एक रस होती, प्रेम में चकना चूर।

सुर मुनि मिलैं शीश कर फैरैं बोलैं सच्चे सूर।

झामसिंह कहैं जो नहिं सुमिरैं ते हैं कायर कूर।४।

 

बार्तिक:-

ठाकुर झामसिंह कछबाहन की बीहट के समीप जिला सीतापुर, कांग्रेसी थे। सीतापुर से शायद ४ (चार) कोस होगा।