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२८७ ॥ श्री पं० गणेश प्रसाद जी ॥

(फरूखाबाद) 

इसका उल्लेख 'श्री भक्त भगवन्त चरितावली एवं चरितामृत' 

की कथा 'श्याम अंडे से प्रगट बालक' में है। 

लावनी:-

क्या श्याम गौर गुल बदन मदन का जोड़ा। 

जिन शिव शंकर का कठिन सरासन तोड़ा। 

क्या बांकी झाँकी अदा अवध नन्दन की। 

लोचन विशाल मुख चन्द खौरि चन्दन की। 

गले सोहत हीरा लाल माल मुक्तन की। 

छबि जिन्हैं दियो करतार मोहनी मन की।६। 

 

प्रभु हों सवार बाजार नचावत घोड़ा। 

जिन शिव शंकर का कठिन सरासन तोड़ा। 

गुलकों में चारौं तरफ गये पर वाने। 

नृप रचा जनकपुर यज्ञ मचे घमसाने। 

रावण बाणासुर लगे सभा में आने। 

जिन उठा लिया कैलास बड़े बलवाने।१२। 

 

तहँ दसकंधर ने धनुष देखि मुख मोड़ा। 

जिन शिव शंकर का कठिन सरासन तोड़ा।१४।