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॥ प्रश्नोत्तर ॥

जारी........



प्रश्न २४. हम सब आपके हैं। आप की कृपा से जो होगा, सो होगा। 
उत्तर बिना पंखा के डुलाये हवा नहीं मिलती। जो कहा जाय उस पर चलने से काम होता है। कर्म भूमि है। सबको भोगना परता है। देवी देवता आलस्य पर लात मार कर मन से जबरदस्ती लड़कर अपना काम करके अजर-अमर हो गये। यह बातें कायर की हैं कि हम से कुछ न होगा। मनुष्य का दर्जा देवी देवता से ऊँचा है। जब मन लगा कर न किया जावेगा तब तिलक चन्दन माला कन्ठी भेष कुछ काम न देगा। फिर शरीर छूटने पर कौन सहायक होगा? मन के जरिये से जो होगा उसका फल जीव को भोगना परेगा। रामजी ने एक बाण से बाली को मारा था। तब से २८ चौकड़ी (चारों युग की एक चौकड़ी) हो गई हैं। वही बाली भील होकर इस द्वापर में १ बान से कृष्ण भगवान को मारा। कहां तक लिखें। 

प्रार्थना २५. आप धीरज दीजिये नहीं तो बुरा हाल होगा। 
उत्तर लागि जाव तब कृपा घुसरै। सब बात पर चल जाओ, मन उधर लगने लगे। हमारी आत्मा खुश होकर तुम्हारे अन्दर प्रवेश कर जाये। 

प्रश्न २६. यह परमार्थ (भगवान की प्राप्ति) का विषय साधन साध्य है या कृपा साध्य? 
उत्तर विश्वास हो तो कृपा साध्य, न हो तो साधन से। 


जिसका अपने गुरु पर अटल विश्वास है, उसका कोई काम 
रूक नहीं सकता, उसका सब काम आपै हो जाता है।