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१ ॥ श्री अंधे शाह जी ॥ (१५८)


पद:-

जसोदा नन्द का लाला कन्हैया है बड़ा बाँका।

करो सतगुरु भजन जानो हर समय सामने टाँका।

ध्यान धुनि नूर लय होवै मिटैं बिधि के लिखे आँका।

जगै नागिनि चलैं चक्कर खिलैं सब कमल के फाँका।

मिलैं सुर मुनि सुनो बाजा चखौ अमृत गगन ढाँका।

कहैं अन्धे चलौ तन तजि जहाँ है लोक पितु माँ का।६।