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१ ॥ श्री अंधे शाह जी ॥(२०)


पद:-

अंधे कहैं जोड़ौ जोड़ौ हरि भजन से नाता जोड़ौ।

मोड़ौ मोड़ौ मोड़ौ गहि चोरन का मुख मोड़ौ।

फोड़ौ फोड़ौ फोड़ौ चट भरम का भाड़ा फोड़ौ।

छोड़ौ छोड़ौ छोड़ौ जग आना जाना छोड़ौ।४।