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१ ॥ श्री अंधे शाह जी ॥(६)


पद:-

करो शुक्र हर वक्त खोदा का कुफुर तजो मत करना।

रहेम बिना हैवान बशर है खलक के गम हो परना।

ईमान ठीक इन्सान वही जियतै में होगा तरना।

कहैं अंध शाह यह संग लीक मुरशिद कहेता सो करना।४।