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३४६ ॥ श्री राघो सिंह जी ॥


पद:-

कण्ठी राम नाम की बांधो।१।

सतगुरु करि सुमिरन बिधि जानो अजा चोर गहि राँधो।२।

ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि सन्मुख राधा माधो।३।

अन्त त्यागि तन निज पुर बैठो शान्ति मौन ब्रत साधो।४।