साईट में खोजें

३३१॥ श्री ठाकुर मुलायम सिंह जी॥


पद:-

मेरी बिनती यही नर लुगाइयों से।

फल पाओगे निज निज कमाइयों से।

बचा चाहो गर्भ की झुलाइयों से।

करो सतगुरु गिरो क्यों मुलाइयों से।

नाम पाओ बरी हो जुदाइयों से।

तन छूटै तो जाओ बधाइयों से।