१५३ ॥ श्री दिनकर दास जी ॥ चौपाई:-नेम टेम से पारखत मांजेन। अन्त समै हरि पुर को भाजेन॥ दिनकर दास कहैं हे ताता। बड़ा सुक्ख मानो सब बाता।२।