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४६ ॥ श्री किलोल दास जी ॥


पद:-

हम तो हैं हरि पुर के बासी कहैं बचन अनमोल जी।

सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम॥

सतगुरु करि सुमिरन बिधि जानौ तजि परपंच मखौल जी।

राधे श्याम राधे श्याम राधे श्याम राधे श्याम॥

धुनि परकाश ध्यान लै पावो जहाँ सकौ नहि बोल जी।

सीता राम जै सीता राम सीता राम जै सीता राम॥

झाँकी युगुल लखौ नशि बासर मिटै गर्भ की कौल जी।

राधे श्याम जै राधेश्याम राधे श्याम जै राधे श्याम॥