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७१६ ॥ श्री हलबल शाह जी ॥


पद:-

जानो राम नाम का तप बल।१।

सतगुरु करो मिले तब मारग छूटै भव का खल बल।२।

ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि जारै सारै जल बल।३।

अन्त त्यागि तन निजपुर राजौ कहैं सत्य यह हल बल।४।