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५५५ ॥ श्री ख्याल शाह जी ॥ (३)

सतगुरु से बीज रेफ विन्दु नाम जान लो।

धुनि ध्यान नूर लय मधुर अनहद की तान लो।

सुर मुनि मिलैं अमृत चखौ निज कुल की कान लो।

सन्मुख में राम सीता सब सुख की खान लो।

तन त्यागि चढ़ि सिंहासन साकेत थान लो।५।

मम बैन भाई बहिनों तन मन से मान लो।

अनमोल समय जात नेम टेम ठान लो।

निज ख्याल से निज पास में निज ताना तान लो।८।