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४४० ॥ श्री हलचल शाह जी ॥ (२)

जानो राम नाम की ज्योतिष।

सतगुरु करौ मिलै तब मारग और चलै नहिं कोशिश।

ध्यान प्रकाश समाधि होवै लेहु नाम धुनि पोशिश।

जो न भजौ तो चलौ नर्क को अन्त में आवै नोटिश।४।