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४३८ ॥ श्री चोखा मेला जी ॥


पद:-

जावो जावो शरन सतगुरु जावो। पावो पावो भजन विधि तब पावो॥

लावो लावो शब्द पर सुधि लावो। तावो तावो जियति तन मन तावो॥

आवो आवो ध्यान धुनि पर आवो। धावो धावो नूर लय में धावो॥

छावो छावो रूप सन्मुख छावो। भावो भावो देव मुनि को भावो॥

गावो गावो सदा हरि गुण गावो। खावो खावो सतोगुणी अन्न खावो॥

बावो बावो वृथा मूंह मत बावो। ध्यावो ध्यावो सदा हरि को ध्यावो।१२।