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४०३ ॥ श्री पंडित गोपीनाथ जी ॥ (५)

श्री राम सिया श्री राम सिया श्री राम सिया कीर्तन कीजिये।

श्री श्याम प्रिया श्री श्याम प्रिया श्री श्याम प्रिया कीर्तन कीजिये।

श्री विष्णु रमा श्री विष्णु रमा श्री विष्णु रमा कीर्तन कीजिये।

श्री शम्भु उमा श्री शम्भु उमा श्री शम्भु उमा कीर्तन कीजिये।४।

जय राम सिया जय राम सिया जय राम सिया कीर्तन कीजिये।

जय श्याम प्रिया जय श्याम प्रिया जय श्याम प्रिया कीर्तन कीजिये।

जय विष्णु रमा जय विष्णु रमा जय विष्णु रमा कीर्तन कीजिये।

जय शम्भु उमा जय शम्भु उमा जय शम्भु उमा कीर्तन कीजिये।८।

हरे राम सिया हरे राम सिया हरे राम सिया कीर्तन कीजिये।

हरे श्याम प्रिया हरे श्याम प्रिया हरे श्याम प्रिया कीर्तन कीजिये।

हरे विष्णु रमा हरे विष्णु रमा हरे विष्णु रमा कीर्तन कीजिये।

हरे शम्भु उमा हरे शम्भु उमा हरे शम्भु उमा कीर्तन कीजिये।१२।

नमो राम सिया नमो राम सिया नमो राम सिया कीर्तन कीजिये।

नमो श्याम प्रिया नमो श्याम प्रिया नमो श्याम प्रिया कीर्तन कीजिये।

नमो विष्णु रमा नमो विष्णु रमा नमो विष्णु रमा कीर्तन कीजिये।

नमो शम्भु उमा नमो शम्भु उमा नमो शम्भु उमा कीर्तन कीजिये।१६।