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२९७ ॥ श्री बुक्का राय जी का कीर्तन ॥


पद:-

राम सियनाथ सियनाथ सियनाथ हैं।

श्याम प्रियनाथ प्रियनाथ प्रियनाथ हैं।

विष्णु श्री नाथ श्री नाथ श्री नाथ हैं।

राम रघुनाथ रघुनाथ रघुनाथ हैं।

श्याम यदुनाथ यदुनाथ यदुनाथ हैं।

विष्णु जगनाथ जगनाथ जगनाथ हैं।६।

राम सियकन्त सियकन्त सियकन्त हैं।

श्याम प्रियकन्त प्रियकन्त प्रियकन्त हैं।

विष्णु श्रीकन्त श्रीकन्त श्रीकन्त हैं।

राम सिय प्राण सिय प्राण सिय प्राण हैं।

श्याम प्रिय प्राण प्रिय प्राण प्रिय प्राण हैं।

विष्णु श्री प्राण श्री प्राण श्री प्राण हैं।१२।

राम सरकार सरकार सरकार हैं।

श्याम सरकार सरकार सरकार हैं।

विष्णु सरकार सरकार सरकार हैं।

राम करतार करतार करतार हैं।

श्याम करतार करतार करतार हैं।

विष्णु करतार करतार करतार हैं।१८।

राम सुख सिन्धु सुख सिन्धु सुख सिन्धु हैं।

श्याम सुख सिन्धु सुख सिन्धु सुख सिन्धु हैं।

विष्णु सुख सिन्धु सुख सिन्धु सुख सिन्धु हैं।

राम गुण ग्राम गुण ग्राम गुण ग्राम हैं।

श्याम गुण ग्राम गुण ग्राम गुण ग्राम हैं।

विष्णु गुण ग्राम गुण ग्राम गुण ग्राम हैं।२४।

राम निष्काम निष्काम निष्काम हैं।

श्याम निष्काम निष्काम निष्काम हैं।

विष्णु निष्काम निष्काम निष्काम हैं।

राम जग जान जग जान जग जान हैं।

श्याम जग जान जग जान जग जान हैं।

विष्णु जग जान जग जान जग जान हैं।३०।

राम सर्वत्र सर्वत्र सर्वत्र हैं।

श्याम सर्वत्र सर्वत्र सर्वत्र हैं।

विष्णु सर्वत्र सर्वत्र सर्वत्र हैं।

राम अवतार अवतार अवतार हैं।

श्याम अवतार अवतार अवतार हैं।

विष्णु अवतार अवतार अवतार हैं।३६।

राम निर्लेप निर्लेप निर्लेप हैं।

श्याम निर्लेप निर्लेप निर्लेप हैं।

विष्णु निर्लेप निर्लेप निर्लेप हैं।

राम धुनि ध्यान धुनि ध्यान धुनि ध्यान हैं।

श्याम धुनि ध्यान धुनि ध्यान धुनि ध्यान हैं।

विष्णु धुनि ध्यान धुनि ध्यान धुनि ध्यान हैं।४२।

राम लय नूर लय नूर लय नूर हैं।

श्याम लय नूर लय नूर लय नूर हैं।

विष्णु लय नूर लय नूर लय नूर हैं।

राम सब वस्तु सब वस्तु सब वस्तु हैं।

श्याम सब वस्तु सब वस्तु सब वस्तु हैं।

विष्णु सब वस्तु सब वस्तु सब वस्तु हैं।४८।