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१२४ ॥ श्री चन्दो माई जी ॥


पद:-

श्याम घट ही में बसा था हमै यह होश न था।

मुरशिद करि जाना नहीं था हमै यह होश न था।

द्वैत का पल्ला पड़ा था हमै यह होश न था।

ध्यान धुनि नूर लै में था हमै यह होश न था।४।

सब में सब आप बना था हमैं यह होश न था।

नाम सुनकर न गुना था हमें यह होश न था।

तन मन हमने न भुना था हमै यह होश न था।

प्रेम बिन हमसे जुदा था हमै यह होश न था।८।