४२६ ॥ श्री महेन्द्र नाथ जी ॥ चौपाई:-राम नाम सम को सुखदाई। सुर मुनि जाहि भजत हरखाई।१। महेन्द्र नाथ कह तन मन लाई। भजै नाम सो भर्म न आई।२।