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४०२ ॥ श्री राम प्रसाद बिस्मिल ॥

शेर:-

जिसने किया परस्वार्थ जगमें नर शरीर क फल मिला।

अन्त में हरि धाम जाकर के सिंहासन पर खिला।१।

कहता है राम प्रसाद भाई निडर ह्वै कर के रहो।

छोड़ो न अपने काम को अच्छी बुरी सब की कहो।२।

कर्म करना काम करता का है या से कीजिये।

कारण लगैं तो लगने दो हरि का भरोसा लीजिये।३।