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३६९ ॥ श्री शम्भू दास जी ॥

(अवध वासी)

 

 चौपाई:-

दोनों भुज ऊपर चढ़वावा। सुमिरि नाम हरि पुर हम पावा।१।

शम्भू दास कहैं सुख पावै। सुमिरै नाम भुजन चढ़वावै।२।